बनिए चीनी के जासूस: अपनी रसोई में छिपी मिठास को पहचानें और संस्कृति के साथ संतुलन बनाएँ
- contactvijay1995
- Oct 22
- 1 min read

चीनी अक्सर हमारी आँखों के सामने ही छिपी होती है, खासकर उन चीज़ों में जो भारतीय घरों में आम हैं! मीठे पेय जैसे सोडा, पैकेट वाले फलों के ड्रिंक (जो 100% जूस नहीं होते), और यहाँ तक कि स्पोर्ट्स ड्रिंक भी इसके बड़े स्रोत हैं। इनकी जगह हमेशा पानी या सादा दूध चुनें।
छिपे हुए दोषी:
सिर्फ़ मिठाइयों पर ही नहीं, बल्कि एक 'चीनी के जासूस' बनकर आगे भी नज़र दौड़ाएँ! कुछ दही, ब्रेकफास्ट सीरियल्स, केचप और पास्ता सॉस जैसी दिखने में सेहतमंद चीज़ों के लेबल ज़रूर जाँचें। इनमें से कई में काफी मात्रा में अतिरिक्त चीनी होती है।
पूरा फल बनाम जूस:
पूरे फल फाइबर से भरपूर होते हैं और पोषक तत्वों का भंडार होते हैं। लेकिन, फलों के जूस, खासकर गाढ़े वाले, बिना फायदेमंद फाइबर के चीनी की ज़्यादा खुराक दे सकते हैं, जिससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है।
सांस्कृतिक संतुलन:
हम भारतीयों की मिठास के प्रति एक सुंदर "सांस्कृतिक दीवानगी" है। परंपरागत मिठाइयों का अपना महत्व है, लेकिन आइए इन्हें खास मौकों के लिए बचाकर रखें और सीमित मात्रा में ही इनका आनंद लें। प्राकृतिक स्वादों की सराहना को बढ़ावा दें और अपने बच्चों के स्वस्थ भविष्य के लिए रोज़ाना की अतिरिक्त चीनी पर निर्भरता कम करें।
